*अनजाने अनुभव ****
1. जन्मकुंडली में शनि 1,5,10 भाव में हो तो शादी 30 साल की उम्र से पहले शादी होने नही देता है।10 भाव में स्थित शनि कभी कभी जल्दी शादी हो जाए तो फिर टूट सक्ती है या तलाक हो जाता है।।
2. गुरु सबसे बढ़िया 9th भाव में होता है।ऐसे जातक अक्सर बीमरिया और दुःख कम ही होते है।अगर 4 ,9,12 राशि का हो तो अपने दम पर धीरे धीरे जातक को सब सुख मिलते है।
3. जब भी मीन राशि का चंद्रमा 1, 10,7 भाव में हो तो जातक हद से भी ज्यादा चंचल होता है।उसके इरादे हर चीज़ में समुद्र की लहरों के जैसे बदलते रहते
है।कभी ये करलू कभी ये करलू।
4.चन्द्रमा और केतु की युति या केतु शुक्र की युति 2nd भाव में में हो तो जातक चन्द्र या शुक्र जिस भाव के मालिक हे उस के अनुसार लगातार धन लाभ होता रहता है।जैसे चन्द्रमा 4th भाव का स्वामी हे। तो माँ की नोकरी होगी ।या प्रॉपर्टी का किराया आता है।अगर चन्द्रमा 7th भाव का स्वामी हे।तो पत्नी की नोकरी होगी या व्यापार से लाभ होता है। ऐसे ही शुक्र का भी समझे।
5. लगन में चन्द्रमा या शुक्र या गुरु हो अक्सर चेहरा सुंदर होता है।
1. जन्मकुंडली में शनि 1,5,10 भाव में हो तो शादी 30 साल की उम्र से पहले शादी होने नही देता है।10 भाव में स्थित शनि कभी कभी जल्दी शादी हो जाए तो फिर टूट सक्ती है या तलाक हो जाता है।।
2. गुरु सबसे बढ़िया 9th भाव में होता है।ऐसे जातक अक्सर बीमरिया और दुःख कम ही होते है।अगर 4 ,9,12 राशि का हो तो अपने दम पर धीरे धीरे जातक को सब सुख मिलते है।
3. जब भी मीन राशि का चंद्रमा 1, 10,7 भाव में हो तो जातक हद से भी ज्यादा चंचल होता है।उसके इरादे हर चीज़ में समुद्र की लहरों के जैसे बदलते रहते
है।कभी ये करलू कभी ये करलू।
4.चन्द्रमा और केतु की युति या केतु शुक्र की युति 2nd भाव में में हो तो जातक चन्द्र या शुक्र जिस भाव के मालिक हे उस के अनुसार लगातार धन लाभ होता रहता है।जैसे चन्द्रमा 4th भाव का स्वामी हे। तो माँ की नोकरी होगी ।या प्रॉपर्टी का किराया आता है।अगर चन्द्रमा 7th भाव का स्वामी हे।तो पत्नी की नोकरी होगी या व्यापार से लाभ होता है। ऐसे ही शुक्र का भी समझे।
5. लगन में चन्द्रमा या शुक्र या गुरु हो अक्सर चेहरा सुंदर होता है।
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