श्री हरि जय सिया राम ,
राहु =
★★★★★
राहु के विषय के बात करे तो यह तो सभी जानते ही है कि वो राक्षस है और विष्णु भगवान ने मोहनी रूप धारण करे इसका धड़ अलग कर दिया था जो की एक राहु हो गया और एक केतु , वैसे तो ज्योतिष में मुख्य रूप से 7 ग्रहो को ही माना जाता था पर ज्योतिष वर्ग ने राहु और केतु का भी प्रभाव मानव जीवन पर महसूस किया तो , इन दोनों ग्रहो को भी छाया रूप से मान्यता दे दी है यह लगभग एक राशि मे ड़ेढ़ वर्ष तक रहते है तो गोचर में भी यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाते है तो यह भी देखा यह कुंडली मे 9 साल और 18 साल बाद तो यह एक वार प्रभाव जरूर डालते है तो इस तरह हम अपनी जन्म डेट में राहु की स्तिथि देखकर जीवन के सघर्ष के साल जान सकते है बस इसमे थोड़ा सा गणित करना होता है जैसे यदि केंद्र में हो तो जन्म साल में 9 जोड़ दे यदि केंद्र से वाहर 2 -5-8-11 भाव मे हो तो 1 घटा दे , यदि 3-6-9-22 में हो तो जन्म साल में 1 जोड़ दे तो राहु से प्रभावित होता जैसे किसी का मेष लग्न राहु दशम भाव मे हो और जन्म और साल 1989 हो तो राहु केंद्र में है तो किसी संसोधन की आवश्यकता नही तो 1989+9= 1998=2007=2016=2025=2034 यह राहु के साल होंगे जो कि सघर्ष देगे इस तरह से हम राहु के प्रभावित साल भी जा सकते है राहु की दृष्टि जिस भावो पर होती है उनसे हमे समझना चाहिए उन भावो के सम्बंदि सघर्ष ही देगा राहु की शांति के कुछ उपाय की बात करे तो नीले कपड़े में सुखा नारियल लपेटकर चलते पानी मे बहाये , बुधवार को रात्रि को सिरहाने मूली रखकर सोये और सुबह मन्दिर में दान कर दे , कुंडली प्रश्न कुंडली के फलादेश के लिए सम्पर्क करें राम राम रवि सारस्वत
राहु =
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राहु के विषय के बात करे तो यह तो सभी जानते ही है कि वो राक्षस है और विष्णु भगवान ने मोहनी रूप धारण करे इसका धड़ अलग कर दिया था जो की एक राहु हो गया और एक केतु , वैसे तो ज्योतिष में मुख्य रूप से 7 ग्रहो को ही माना जाता था पर ज्योतिष वर्ग ने राहु और केतु का भी प्रभाव मानव जीवन पर महसूस किया तो , इन दोनों ग्रहो को भी छाया रूप से मान्यता दे दी है यह लगभग एक राशि मे ड़ेढ़ वर्ष तक रहते है तो गोचर में भी यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाते है तो यह भी देखा यह कुंडली मे 9 साल और 18 साल बाद तो यह एक वार प्रभाव जरूर डालते है तो इस तरह हम अपनी जन्म डेट में राहु की स्तिथि देखकर जीवन के सघर्ष के साल जान सकते है बस इसमे थोड़ा सा गणित करना होता है जैसे यदि केंद्र में हो तो जन्म साल में 9 जोड़ दे यदि केंद्र से वाहर 2 -5-8-11 भाव मे हो तो 1 घटा दे , यदि 3-6-9-22 में हो तो जन्म साल में 1 जोड़ दे तो राहु से प्रभावित होता जैसे किसी का मेष लग्न राहु दशम भाव मे हो और जन्म और साल 1989 हो तो राहु केंद्र में है तो किसी संसोधन की आवश्यकता नही तो 1989+9= 1998=2007=2016=2025=2034 यह राहु के साल होंगे जो कि सघर्ष देगे इस तरह से हम राहु के प्रभावित साल भी जा सकते है राहु की दृष्टि जिस भावो पर होती है उनसे हमे समझना चाहिए उन भावो के सम्बंदि सघर्ष ही देगा राहु की शांति के कुछ उपाय की बात करे तो नीले कपड़े में सुखा नारियल लपेटकर चलते पानी मे बहाये , बुधवार को रात्रि को सिरहाने मूली रखकर सोये और सुबह मन्दिर में दान कर दे , कुंडली प्रश्न कुंडली के फलादेश के लिए सम्पर्क करें राम राम रवि सारस्वत
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